Success Story

Team Lawvino: Success Story

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़।
न्यायाधीश: माननीय श्री न्यायमूर्ति जसगुरप्रीत सिंह पुरी
अधिवक्ता: श्री विनोद दहिया
CWP-12590-2021 “Anil Kumar vs State of Haryana & Ors.”

याचिका में चेन्नई के SIMS अस्पताल में किए गए लिवर प्रत्यारोपण के लिए पूरे चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति हरियाणा सरकार द्वारा करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता, को गंभीर लिवर रोग हुआ और उन्हें तत्काल लिवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी।

राष्ट्रीय डोनर पोर्टल के माध्यम से एक डोनर उपलब्ध होने पर याचिकाकर्ता को चेन्नई के SIMS अस्पताल में लिवर प्रत्यारोपण कराना पड़ा। यह प्रक्रिया आपातकालीन स्थिति में की गई, जबकि यह अस्पताल सूचीबद्ध नहीं था और चिकित्सा खर्च ₹21,00,000 आया।
दलीलें:

• याचिकाकर्ता के वकील श्री विनोद दहिया ने संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत पूरे खर्च की प्रतिपूर्ति का दावा किया, क्योंकि यह जीवन बचाने के लिए आपातकालीन चिकित्सा थी।
• प्रतिवादी: उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की नीति के अनुसार, आपात स्थिति में गैर-सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज के लिए प्रतिपूर्ति केवल पीजीआई, चंडीगढ़ की दरों पर सीमित है।
निर्णय:
1. न्यायालय ने कहा कि आपातकालीन स्थिति में, अस्पताल सूचीबद्ध है या नहीं, जैसे तकनीकी मुद्दे जीवन के मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21) से ऊपर नहीं हो सकते।
2. शिवा कांत झा बनाम भारत संघ (2018) 16 (सुप्रीम कोर्ट) सहित पूर्व मामलों का हवाला देते हुए न्यायालय ने कहा कि यदि जीवन बचाने के लिए आपातकालीन इलाज जरूरी है, तो पूर्ण प्रतिपूर्ति दी जानी चाहिए।
याचिका स्वीकृत की गई। न्यायालय ने प्रतिवादियों को याचिकाकर्ता को शेष राशि तीन महीने के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया।
मुख्य बातें:
• आपातकालीन चिकित्सा उपचार के मामलों में प्रशासनिक नीतियों से अधिक जीवन के मौलिक अधिकार को प्राथमिकता दी जाती है।
• अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित करती है कि आपातकालीन इलाज के लिए पूरी प्रतिपूर्ति की जाए, चाहे अस्पताल सूचीबद्ध हो या नहीं।

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